शैक्षिक क्रांति: प्रधानमंत्री इ-विद्या बनाम पारंपरिक शिक्षा

परिचय

सीधे और सरल शब्दों में, जनता को आकर्षित करने के लिए एक अनूठे दृष्टिकोण

जब समय की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है और तकनीकी उन्नति हर क्षेत्र में अपनी मार्गदर्शिका बना रही है, तो शिक्षा क्षेत्र को भी नई दिशा देखने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू हुए PM eVIDYA कार्यक्रम का उद्दीपन हुआ है जिसका सारा विवरण सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन क्या इस नए शिक्षा के मॉडल को देखकर हम पारंपरिक शिक्षा को भूल जाएंगे? या शायद हमें इन दोनों के बीच एक संतुलन बनाए रखना चाहिए? आइए, इस विषय पर चर्चा करते हैं।

PM eVIDYA एक उदार शिक्षा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा को सुगम और सहज बनाना है। इसका मुख्य लक्ष्य विभिन्न विद्यालयों, कॉलेजों, और विश्वविद्यालयों के माध्यम से छात्रों को शिक्षित बनाना है। इसमें वीडियो लेक्चर्स, डिजिटल पाठ्यक्रम, और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग किया जाता है।PM eVIDYA का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह विभिन्न वर्गों के छात्रों के लिए सुविधाएं प्रदान करता है। गरीब वर्ग के छात्रों के लिए मुफ्त डिजिटल सामग्री, वीडियो क्लासेस, और अन्य सुविधाएं हैं जो उन्हें उच्च शिक्षा के प्रति प्रेरित कर सकती हैं।

पारंपरिक शिक्षा: मानव स्पर्श का महत्व

वहीं, पारंपरिक शिक्षा में एक अलग महत्व है। यह छात्रों को एक-दूसरे के साथ संबंध बनाने का एक मौका प्रदान करती है जो व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में मदद करता है। शिक्षा के इस मॉडल में शिक्षक-छात्रों के बीच एक मानव संबंध होता है जो आत्मविश्वास और उत्साह को बढ़ावा देता है।

योजना का मूल अवलोकन

प्रधान मंत्री ई-विद्या नामक एक व्यापक पहल की शुरूआत की जाती है जो कि डिजिटल / ऑनलाइन / ऑन-एयर एजुकेशन से संबंधित सभी प्रयासों को संपूर्ण शिक्षा प्रदान करता है ताकि वे बहु-मोड पहुंच सकें। इससे पूरे देश में बच्चों के लिए लगभग 25 करोड़ स्कूल जा सकते हैं। इसमें शामिल हैं: – ज्ञान साझाकरण के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (दिंता) पोर्टल: – एमपीआईआर, सरकार द्वारा बनाई गई ज्ञान साझाकरण (दिंक) पोर्टल और मोबाइल ऐप के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर। भारत की राज्यों / संघ शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय स्तर के संगठनों द्वारा बनाई गई बड़ी संख्या में ई-पुस्तकें और ई-सामग्री का एक स्टोर हाउस है।

स्वयं पोर्टल

Swayam भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक कार्यक्रम है और शिक्षा नीति के तीन कार्डिनल सिद्धांतों को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।, पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग: – उच्च शिक्षा विभाग ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन सीखने के लिए व्यवस्था की है – आईआईटीपीएल और ई-अभय आईआईटीपीएल या आईआईटी प्रोफेसर सहायता प्राप्त शिक्षा आईआईटी प्रोफेसरों द्वारा तैयार व्याख्यान की एक श्रृंखला है जो छात्रों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और एनईईटी के लिए तैयार करने में मदद करती है।

पीएम ईविद्या और पारंपरिक शिक्षा में सीखने के परिणामों पर कारक

पीएम ई-विद्या और पारंपरिक शिक्षा में शिक्षा परिणामों पर प्रभाव डालने वाले कारक: एक मानव स्पर्श

शिक्षा, हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण पिल्लर है जो हमें समृद्धि की ओर मुड़ने में मदद करता है। पीएम ई-विद्या ने शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत की है, और हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे यह तकनीकी उन्नति हमारे शिक्षा परिणामों को प्रभावित कर रही है, विशेषकर पारंपरिक शिक्षा के साथ तुलना में।

पाठ्यक्रम का महत्व

पीएम ई-विद्या:

पीएम ई-विद्या ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव का संकेत किया है। इसमें आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम और उच्च शिक्षा के लिए सुविधाएं हैं। यह छात्रों को अध्ययन करने के लिए स्वतंत्रता और समय की सुविधा प्रदान करता है।

पारंपरिक शिक्षा:

पारंपरिक शिक्षा ने हमेशा से हमें अपने अध्यापकों और साथी छात्रों के साथ संबंध बनाए रखने का अवसर दिया है। इसमें सामूहिक अनुभवों का होना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो छात्रों को विकसित करने में मदद करता है।

विद्यार्थी के सफलता में मानव स्पर्श का महत्व

पीएम ई-विद्या:-

एकमात्र तकनीकी पहलू से ही नहीं, पीएम ई-विद्या ने छात्रों के लिए मानव संबंध का महत्व बनाए रखा है। विशेषज्ञ शिक्षकों के साथ ऑनलाइन सत्रों में छात्रों को सीधे संपर्क करने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी समझ में सुधार होती है और वे अपने शिक्षा के मार्ग पर चल सकते हैं।

पारंपरिक शिक्षा:

पारंपरिक शिक्षा में, शिक्षक छात्रों के साथ एक-एक मिलते हैं और उन्हें सीधे मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षक-छात्र संबंध जोड़कर शिक्षा में एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण प्रदान करना सीखने में एक नई गहराई और समझ प्रदान कर सकता है।

सरकारी दस्तावेज़ का संदर्भ:

सरकारी वेबसाइटों पर जाँच करने पर मिला कि पीएम ई-विद्या के लिए विभिन्न सुविधाएं और नीतियाँ उपलब्ध हैं .

निष्कर्ष: शिक्षा का अतीत, वर्तमान और भविष्य

नए युग में, शिक्षा का आदान-प्रदान हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नेतृत्व में चल रही ‘PM eVIDYA’ योजना, भारतीय शिक्षा को नए आयामों तक पहुंचाने का एक प्रयास है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकी साधनों का उपयोग करके पाठ्यक्रमों का सीधा और सरल रूप से पहुंचाना है।

PM eVIDYA योजना ने विभिन्न आधारों पर विभागीय पाठ्यक्रमों की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की हैं। ऑनलाइन वीडियो लेक्चर्स, डिजिटल पुस्तकें, और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग करके छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम और सहज साधनों का अनुभव हो रहा है।

हालांकि, इस तकनीकी युग में भी हमें अपनी शिक्षा को व्यक्तिगत धार्मिकता और मानव स्पर्श से जोड़ने की आवश्यकता है। शिक्षा का यह नया सफर तकनीकी उन्नति के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी समाहित करता है।

यही कारण है कि PM eVIDYA योजना में भी मानव स्पर्श को बनाए रखने का प्रयास किया गया है।

A Strength Of Strong Country Lies In the Education Of Youth Pursued By The Country .

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